ज्योतिष विद्वानों के अनुसार कार्तिक मास में ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए और अपनी इंद्रियों पर संयम रखना चाहिए।
इस मास में सात्विक भोजन का पालन करें और किसी गलत विचार को अपने ऊपर हावी ना होने दें। चातुर्मास के अंतिम महीने में जमीन पर सोना सबसे फलदाई होता है।
इस पवित्र मास में तामसिक भोजन बिल्कुल ग्रहण ना करें। इसके साथ प्याज, लहसन और मांसाहार का सेवन भी इस महीने में वर्जित है।
संपूर्ण कार्तिक मास में ब्रह्म मुहूर्त में किसी पवित्र नदी में स्नान करने से व्यक्ति को बहुत फायदा मिलता है। मान्यता है कि भगवान विष्णु जल में ही निवास करते हैं।
संध्या काल में भगवान विष्णु की पूजा करें और तुलसी के सामने घी का दीपक जलाएं। ऐसा करने से धन-समृद्धि में वृद्धि होती है और भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं।
कार्तिक मास में भगवान शालिग्राम की पूजा करने से भी भक्तों को बहुत लाभ होता है। इसके साथ नितदिन गीता का पाठ करें।
कार्तिक मास भगवान श्री कृष्ण का प्रिय मास है। इसलिए मास में पूजा-पाठ, अनुष्ठान, यज्ञ, स्नान, दान आदि करने से सभी पापों का नाश होता है और सुख समृद्धि व धन की वृद्धि होती है।