पितृ पक्ष 15 दिन तक चलते हैं। इन दिनों में पितरों को याद करके पिंडदान, तर्पण, श्राद्ध कर्म आदि किए जाते हैं।
इस वर्ष पितृ पक्ष की शुरुआत 28 सितंबर से हो रही है, जो 14 अक्टूबर तक चलेगा।
पितृपक्ष एक ऐसा समय है जिसमें हम अपने पितरों को प्रसन्न करके उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।
लेकिन इस समय में कुछ बातों का ध्यान रखा जाना भी जरूरी है। जैसे इन दिनों में खानपान कैसा होना चाहिए।
श्राद्ध की अवधि में मांस आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। यह अवधि पूर्ण रूप से पूर्वजों को समर्पित होती है।
इसमें मांस, मछली, अंडा और शराब का सेवन अशुभ माना जाता है। प्याज और लहसुन तामसिक प्रकृति के माने जाते हैं।
ऐसे में पितृ पक्ष के दौरान इनके सेवन से भी बचना चाहिए। इस दौरान केवल सात्विक भोजन का ही सेवन करें।
इस समय में कौओं, पशु-पक्षियों को अन्न-जल देना फलदायी होता है। इन्हें भोजन देने से पूर्वज संतुष्ट होते हैं।
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