महालक्ष्मी व्रत का आरंभ भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से शुरू होकर अश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि तक यह व्रत रखा जाता है।
इस साल यह व्रत 22 सितंबर से शुरू होकर 6 अक्टूबर तक चलेगा। शुक्रवार से शुरू होकर यह व्रत शुक्रवार के दिन ही इसका समापन होगा।
इस व्रत का पालन करने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। जो लोग 16 दिनों तक व्रत का पालन नहीं कर सकते, वे एक दिन का व्रत भी कर सकते हैं।
महालक्ष्मी के व्रत वाले दिन सूर्योदय से पहले स्नान करें और फिर लाल रंग के वस्त्र पहनें। इससे माता लक्ष्मी की कृपा बरसती है।
त इस दिन माता लक्ष्मी की चांदी या मिट्टी की मूर्ति स्थापित करें। माता की मूर्ति के पास कौड़ी और चांदी के सिक्के रखें।
माता लक्ष्मी की पूजा करते समय उन्हें रोली, कुमकुम, हल्दी, अक्षत, लाल गुलाब कमल का फूल अर्पित करें, ये चीजें माता लक्ष्मी को बेहद प्रिय हैं।
पूजा करते समय माता लक्ष्मी को मिठाई और खीर का भोग लगाएं और महालक्ष्मी व्रत कथा का पाठ करें।
इस दिन सुबह और शाम को घर के मुख्य द्वार पर दीपक जलाएं और फिर ऊं लक्ष्मी नमः का 108 बार जाप करें।
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