सावन महीने के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को तुलसीदास जी की जयंती मनाई जाती है। इस साल इनकी जयंती 23 अगस्त को मनाई जा रही है।
यह तुलसीदास की 526 वीं जयंती है। तुलसीदास जीवन भर राम की भक्ति में लीन रहे और रचनाएं रचते रहे।
उन्होंने रामचरितमानस नामक प्रसिद्ध कृति लिखी, जिसके माध्यम से राम की कहानी आमजनमानस तक पहुंची। रामचरितमानस को तुलसीदास जी ने अवधी भाषा में लिखा है।
तुलसीदास जी का जन्म उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिले में हुआ था। हिंदी साहित्य के महान कवि व साहित्यकारों में उनका नाम शुमार है।
उन्होंने अपने जीवनकाल में अनेक रचनाएं लिखीं जैसे- श्रीरामचरितमानस, कवितावली, जानकीमंगल, विनयपत्रिका, गीतावली, विनयपत्रिका, हनुमान चालीसा आदि।
तुलसीदास का अधिकांश जीवन वाराणसी में बीता। बनारस में उनके नाम से तुलसी घाट का नाम रखा गया।
उनकी ख्याति का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उनके द्वारा रचित महाकाव्य रामचरितमानस को दुनिया के 100 सर्वश्रेष्ठ काव्यों में 46 वां स्थान हासिल है।
ऐसा माना जाता है कि तुलसीदास को कलियुग में श्रीराम, लक्ष्मण और हनुमान जी के दर्शन हुए थे।
आध्यात्म से जुड़ी ऐसी ही अन्य खबरों के लिए पढ़ते रहें jagran.com