देश की आर्थिक राजधानी कही जाने वाली मुंबई को सपनों की नगरी भी कहा जाता है, फिल्मी सितारों से सजी मायानगरी कई कारणों से जानी जाती है।
यहां मिलने वाला वड़ा पाव देश ही नहीं विदेशों में भी बहुत मशहूर है, आइए जानते हैं वड़ा पाव की शुरुआत कब और कैसे हुई।
वड़ा पाव करीब 53 साल पुराना है, इसे बनाने का श्रेय मुंबई के एक बेहद साधारण परिवार से आने वाले अशोक वैद्य को जाता है।
अशोक वैद्य ने दादर रेलवे स्टेशन के बाहर बटाटा वड़ा यानी आलू वड़ा बेचना शुरू किया, फिर उन्होंने सोचा क्यों न कुछ नया किया जाए।
ऐसे में उन्होंने पाव के साथ आलू वड़ा बेचने की सोची और स्वाद बढ़ाने के लिए उन्होंने पाव के दोनों तरफ सूखी-तीखी लाल मिर्च-लहसुन की चटनी, हरी मिर्च लगाई और बीच में वड़ा रखकर लोगों को खिलाना शुरू किया।
वड़ा पाव लोगो को काफी पसंद आया और देखते ही देखते दादर रेलवे स्टेशन से निकला वड़ा पाव पूरे राज्य में और फिर पूरे देश में प्रसिद्ध हो गया।
विश्व वड़ा पाव दिवस 23 अगस्त को दुनिया भर में मनाया जाता है।