दुनियाभर में समय के साथ टेलीकॉम सेक्टर में बदलाव हुए, जानते हैं कब - कब हुआ बदलाव।
साल 1980 में विश्व का यह पहला तार रहित फोन लोगों तक पहुंचा तो हर कोई हैरान रह गया, जिसे 1G मोबाइल नेटवर्क कहा गया, उस वक्त इसकी स्पीड सिर्फ 2.4 Kbps थी।
साल 1991 में फिनलैंड ने सबसे पहले 2G यानी जीएमएस तकनीक के साथ दूसरी पीढ़ी की सेवाएं शुरू कीं, मोबाइल वॉयस कॉल के अलावा SMS की सुविधा भी जोड़ी गई।
3G की शुरुआत 2001 में हुई, 3G स्पीड 384 Kbps से 2 Mbps तक है, वॉयस कॉल के साथ-साथ मोबाइल इंटरनेट, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, ऑनलाइन टीवी, संगीत, वीडियो कॉल संभव हो गया।
साल 2010 में दुनिया ने तेज इंटरनेट, मोबाइल वीडियो आदि के लिए 4G सेलुलर नेटवर्क का आविष्कार किया, इस नेटवर्क ने स्मार्टफोन, ऐप स्टोर और यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म का अनुभव किया।
4G 2015 के बाद भारत में सभी के लिए आकर्षण बन गया, इसकी स्पीड 100 Mbps से 1 Gbps तक है।
ट्रायल 2020 में हुआ था लेकिन कुछ कारणों से इसे 1 अक्टूबर 2022 को लॉन्च किया जा सका। यह नेटवर्क 4G से 100 गुना तेज है।