चार धाम यानी बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री की यात्रा शुरू हो गई है, जिसे वेद एवं पुराणों में काफी शुभ माना गया है।
ऐसा माना जाता है कि जो व्यक्ति चार धाम की यात्रा कर लेता है, उसके समस्त पाप धुल जाते हैं।
आइए चार धाम यात्रा का महत्व और इससे जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में जानते हैं।
बद्रीनाथ धाम को सृष्टि का आठवां वैकुंठ कहा जाता है। यहां भगवान विष्णु छह महीने विश्राम करने के लिए आते हैं।
माना जाता है कि केदारनाथ धाम के दर्शन के बाद ही बद्रीनाथ धाम के दर्शन किए जाते हैं। ऐसा करने से ही पूजा का पूर्ण फल प्राप्त होता है।
शास्त्रों में बताया गया है कि चार धाम यात्रा करने से व्यक्ति को जीवन और मरण के चक्र से मुक्ति प्राप्त हो जाती है।
देश के हर कोने से लोग चार धाम की यात्रा करने के लिए आते हैं। जो लोग जवानी में ही इस तीर्थ यात्रा को पूरा कर लेते हैं, उन्हें परम ज्ञान की प्राप्ति हो जाती है।
तीर्थ यात्रा में व्यक्ति को अधिकांश समय पैदल चलना पड़ता है। जिससे शरीर में ऊर्जा बढ़ती है और ऐसा करने से आयु में वृद्धि होती है।
जो लोग चार धाम की यात्रा करते हैं, उन्हें आरोग्यता एवं आयु का आशीर्वाद प्राप्त होता है और वह आजीवन कई प्रकार की शारीरिक समस्याओं से दूर रहते हैं।