जानें, ग्रीन पटाखे और सामान्य पटाखे में क्या अंतर होता है?


By Abhishek Pandey15, Oct 2022 05:44 PMjagran.com

दिवाली

दिवाली के समय बाजार में कई तरह के पटाखे आते हैं, जिनसे भयंकर ध्वनि और प्रदूषण उत्पन्न होते हैं।

सरकार ने उठाए सख्त कदम

इनसे होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए कई राज्यों की सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं।

ग्रीन पटाखो की अनुमति

कई राज्यों में प्रदूषण फैलाने वाले पटाखों को बैन किया गया है, वहीं कुछ राज्यों में ग्रीन पटाखो की अनुमति है।

ग्रीन पटाखे

ग्रीन पटाखे दिखने और आवाज में पारंपरिक पटाखों की ही तरह होते हैं, बस यह सामान्य पटाखों से 40-50 प्रतिशत कम हानिकारक गैस पैदा करते हैं।

नहीं होता इन रसायनों का प्रयोग

ग्रीन पटाखों में एल्युमिनियम, बैरियम, पौटेशियम नाइट्रेट और कार्बन का प्रयोग नहीं किया जाता है।

रसायन

साथ ही इनमें खतरनाक रसायनों की मात्रा काफी कम होती है, इसलिए इनसे प्रदूषण कम होता है।

ध्वनि प्रदूषण

ग्रीन पटाखों से 125 डेसिबल का ध्वनि प्रदूषण, जबकि सामान्य पटाखों से 160 डेसिबल का ध्वनि प्रदूषण होता है।

महंगे पटाखे

ग्रीन पटाखे परंपरागत पटाखों की तुलना में काफी महंगे होते हैं।

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