चैत्र नवरात्र का आज चौथा दिन है। इस दिन माता कूष्मांडा की पूजा की जाती है।
माता कूष्मांडा की पूजा करने से भक्तों के दुख दूर होते हैं और कष्टों से मुक्ति मिलती है।
हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार माता कूष्मांडा सौरमंडल की अधिष्ठात्री देवी मानी गई हैं।
माता ने अपनी मंद मुस्कान से ब्रह्मांड का सृजन कर दिया था। इसलिए माता के इस स्वरूप को कूष्मांडा कहा गया।
माता कूष्मांडा में सृजन की शक्ति है, इसलिए जीवन प्रदान करने वाली माता है। मान्यता के अनुसार माता कूष्मांडा की पूजा करने से व्यक्ति की आयु भी बढ़ती है।
माता कूष्मांडा की पूजा के लिए प्रातः काल स्नानादि से निवृत्त होकर माता कूष्मांडा का ध्यान करना चाहिए।
इसके बाद उनको गंगाजल से अभिषेक कराके लाल वस्त्र, लाल रंग के फूल, अक्षत, सिंदूर, पंचमेवा, नैवेद्य, श्रृंगार सामग्री अर्पित करें।
इस दौरान माता कूष्मांडा के मंत्र का निरंतर उच्चारण करते रहें। माता कूष्मांडा को दही और हलवे का भोग लगाएं।
इसके बाद दुर्गा चालीसा का पाठ करें और अंत में घी का दीपक या कपूर जलाकर माता कूष्मांडा की आरती करें।