ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक सूर्य को ग्रहों का राजा माना गया है। सूर्य के ताप से रोग, विकार नष्ट हो जाते हैं।
सूर्य की परिक्रमा सभी ग्रह कर रहे हैं और चंद्रमा पृथ्वी की परिक्रमा कर रहा है।
जब पृथ्वी और सूर्य के बीच चंद्रमा आ जाता है। तब सूर्य की रोशनी पृथ्वी तक नही पहुंच पाती तो इस कारण ग्रहण का निर्माण होता है।
सूर्य ग्रहण तीन प्रकार के होते है, जिसमें पूर्ण, आंशिक और वलयाकार सूर्य ग्रहण शामिल है।
एक वर्ष में कम से कम दो सूर्यग्रहण होते ही हैं और अधिकतम एक वर्ष में पांच सूर्य ग्रहण हो सकते हैं।
वर्ष 2023 में पहला सूर्य ग्रहण बृहस्पतिवार, 20 अप्रैल के दिन है। जो प्रातः 07 बजकर 04 मिनट से प्रारम्भ होकर दिन के 12 बजकर 29 मिनट पर समाप्त होगा।
ग्रहण के समय सूक्ष्म कीटाणुओं की संख्या में वृद्धि होने के कारण भोजन नहीं करना चाहिए और इसके अलावा तुलसी के पत्ते भोजन, पानी के पात्र में डाल कर रखना चाहिए।
आप इस वक्त भगवान का भजन कीर्तन, गुरु मंत्र का जाप कर सकते हैं। अध्यात्म से जुड़ी खबरों के लिए पढ़ते रहे jagran.com