मर्सिडीज, फेरारी या फिर कोई अन्य सुपर लग्जरी कारों की पहचान उसके नाम से ज्यादा उसके लोगो से होती है।
फेरारी का घोड़े वाला या ऑडी का छल्ले वाला निशान। जब कभी ये सुपर कारें सड़कों पर नजर आती हैं, तो लोग दूर से ही पहचान लेते हैं कि यह किस कंपनी की गाड़ी है।
सुपर कारों को पहचान दिलाने वाले इन Logo के पीछे दिलचस्प कहानी छुपी हुई है।
रोल्स रॉयस के लोगो में लड़की की मूर्ति दिखाई देती है, जिसे ‘स्पिरिट ऑफ एक्स्टसी’ कहा गया है।
लेकिन कहा जाता है कि रोल्स-रॉयस के मालिक लॉर्ड मोंटेगु ने इस लग्जरी कार के लोगो के लिए जिस प्रतिमा को चुना है, वह उनकी सेक्रेटरी और प्रेमिका एलेनोर वेलास्को थॉर्नटन की है।
100 साल पुरानी जर्मन ऑटोमोटिव दिग्गज मर्सिडीज-बेंज के नाम और इसके Logo से सभी वाकिफ होंगे। लेकिन इसके Logo के पीछे की कहानी शायद ही किसी को पता हो।
मर्सिडीज के संथापक गोटलिब डेमलर और कार्ल बेंज थे, जो कि पेशे से एक इंजीनियर भी थे, ने हवा, पानी और जमीन पर अपने वाहनों को चलाने का सपना देखा था।
इस कारण गोटलिब डेमलर ने इसके Logo को सिल्वर रिंग में स्टार का शेप लिया। क्योंकि
उछलता हुआ घोड़ा, पीले रंग की शील्ड और ऊपर की तरफ हरी और लाल पट्टी, फेरारी के इस लोगो की पहचान है।
इसे गुड लक और इटली के राष्ट्रीय ध्वज के निशानी के तौर पर देखा जाता है। कहा जाता है कि एनरिको बाराका ने एंज़ो फेरारी को उछलते हुए घोड़े को ब्रांड के रूप में प्रदर्शित करने का सुझाव दिया था।
लेम्बोर्गिनी के लोगो में एक काले रंग के शील्ड में गोल्डन रंग के बुल (बैल) को रखा गया है, जिसके चारों साइड पर गोल्डन पट्टी नजर आती है।
कहा जाता है कि लेम्बोर्गिनी के संस्थापक फेरुशियो लेम्बोर्गिनी का जन्म वृषभ राशि में हुआ था, और उन्हें बुलफाइटिंग का शौक था, इस कारण लोगो पर बुल को रखा गया।