पुडुचेरी के रहने वाले 20 वर्षीय धनशेखर अपने माता पिता की इकलौती संतान है। इनका परिवार पुडुचेरी से लगभग 30-40 किलोमीटर दूर विल्लुपुरम जिले में रहता है।
धनशेखर ने कक्षा 9 तक ही गांव में रहकर पढ़ाई की। वह नियमित स्कूल जाते थे। बौद्धिक अक्षमता के कारण उन्हें समझने में दिक्कत होती थी।
इसके चलते उनके साथ एक बहिष्कृत, अकेले बैठे, उपेक्षित और मित्रहीन की तरह व्यवहार किया गया।
पुडुचेरी में रहने वाली उनकी चाची ने धनशेखर के बारे में फैसला किया कि उन्हें विशेष देखभाल की आवश्यकता है। 15 साल की उम्र में धनशेखर को सत्य स्पेशल स्कूल में एडमिशन लिया।
खेल के मैदान ने उन्हें आकर्षित किया और वे स्वेच्छा से बास्केटबॉल और हैंडबॉल टीम में शामिल हो गए। इस दौरान वह खेल शिविरों, एथलीटों और कोचों से मिले।
चंद्रशेखर ने ईएसपीएन वर्चुअल बास्केटबॉल प्रतियोगिता में भाग लिया और अभ्यास के लिए अक्सर इंदिरा गांधी स्पोर्ट्स स्टेडियम जाते थे।
धनशेखर मुख्यधारा के खिलाड़ियों के साथ खेलते हैं। वह ड्रिब्लिंग और पासिंग में अच्छे हैं। यूनिफाइड स्पोर्ट्स ने उन्हें टीम के साथ बातचीत करने में सहज होने के लिए प्रेरित किया।
धनशेखर पिछले आठ महीनों से काफी नियमित हैं। इससे पहले, मुख्यधारा के खिलाड़ी यूनिफाइड स्पोर्ट्स और डिसएबिलिटी स्पोर्ट्स को नहीं समझते थे।
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