ताने और जिद के बीच ऐसे बदली धनशेखर की जिंदगी


By Farhan Khan07, Jun 2023 09:47 AMjagran.com

धनशेखर

पुडुचेरी के रहने वाले 20 वर्षीय धनशेखर अपने माता पिता की इकलौती संतान है। इनका परिवार पुडुचेरी से लगभग 30-40 किलोमीटर दूर विल्लुपुरम जिले में रहता है।

बौद्धिक अक्षमता

धनशेखर ने कक्षा 9 तक ही गांव में रहकर पढ़ाई की। वह नियमित स्कूल जाते थे। बौद्धिक अक्षमता के कारण उन्हें समझने में दिक्कत होती थी।

मित्रहीन व्यवहार

इसके चलते उनके साथ एक बहिष्कृत, अकेले बैठे, उपेक्षित और मित्रहीन की तरह व्यवहार किया गया।

स्पेशल ओलंपिक

पुडुचेरी में रहने वाली उनकी चाची ने धनशेखर के बारे में फैसला किया कि उन्हें विशेष देखभाल की आवश्यकता है। 15 साल की उम्र में धनशेखर को सत्य स्पेशल स्कूल में एडमिशन लिया।

बास्केटबॉल

खेल के मैदान ने उन्हें आकर्षित किया और वे स्वेच्छा से बास्केटबॉल और हैंडबॉल टीम में शामिल हो गए। इस दौरान वह खेल शिविरों, एथलीटों और कोचों से मिले।

वर्चुअल बास्केटबॉल प्रतियोगिता

चंद्रशेखर ने ईएसपीएन वर्चुअल बास्केटबॉल प्रतियोगिता में भाग लिया और अभ्यास के लिए अक्सर इंदिरा गांधी स्पोर्ट्स स्टेडियम जाते थे।

ड्रिब्लिंग

धनशेखर मुख्यधारा के खिलाड़ियों के साथ खेलते हैं। वह ड्रिब्लिंग और पासिंग में अच्छे हैं। यूनिफाइड स्पोर्ट्स ने उन्हें टीम के साथ बातचीत करने में सहज होने के लिए प्रेरित किया।

यूनिफाइड स्पोर्ट्स

धनशेखर पिछले आठ महीनों से काफी नियमित हैं। इससे पहले, मुख्यधारा के खिलाड़ी यूनिफाइड स्पोर्ट्स और डिसएबिलिटी स्पोर्ट्स को नहीं समझते थे।

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