हिंदू धर्म में भगवान शिव को देवों का देव महादेव कहा गया है, जिन्हें भोलेनाथ भी कहा जाता है।
माता पार्वती ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कड़ी तपस्या की थी।
ऐसे में आइए जानते हैं कि कैसे माता पार्वती ने भगवान शिव को कड़ी तपस्या से प्रसन्न किया।
माता पार्वती पर्वतराज की पुत्री थी, जिस कारण वे माता पार्वती कहलाईं।
पार्वती, भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए वन में तपस्या करने चली गईं।
अनेक वर्षों तक कठोर उपवास और घोर तपस्या के बाद भगवान शिव ने उनसे विवाह करना स्वीकार किया।
तपस्या के दौरान भगवान शंकर ने पार्वती की परीक्षा लेनी चाही। उन्होंने परीक्षा लेने के लिए सप्तऋषियों को पार्वती के पास भेजा।
उन्होंने पार्वती के पास जाकर यह समझाने का प्रयास किया कि शिव जी तुम्हारे लिए उपयुक्त वर नहीं और तुम उनके साथ विवाह करके तुम कभी सुखी नहीं रह सकती।
लेकिन पार्वती अपने विचारों पर दृढ़ रहीं। उनकी दृढ़ता को देखकर सप्तऋषि अत्यन्त प्रसन्न हुए और महादेव उनके पति बने।