हिंदू धर्म में 18 महा पुराणों का वर्णन किया गया है, जिसमें गरुड़ पुराण सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है।
इस महापुराण में भगवान विष्णु ने अपने प्रिय वाहन गरुड़ को जीवन के कुछ मूल रहस्यों के बारे में बताया है। जिसमें मोक्ष प्राप्ति के कर्म भी बताया गया है।
गरुड़ पुराण में बताया गया है कि जब एक आत्मा शरीर त्यागने के बाद भी भूख, प्यास, क्रोध, द्वेष, वासना आदि भाव से भरा रहता है या किसी की मृत्यु दुर्घटना, हत्या या आत्महत्या के कारण होती है।
जब आत्मा शरीर को प्राकृतिक कारण से नहीं त्यागती है, उस परिस्थिति में आत्मा प्रेत योनि में चली जाती है।
गरुड़ पुराण में 84 लाख योनियों के विषय में बताया गया है। जिनमें पशु, पक्षी, वृक्ष, मनुष्य या कीड़े-मकोड़े आदि भी शामिल हैं।
गरुड़ पुराण में यह भी बताया गया है कि जब मृत्यु के बाद आत्मा को शांति नहीं मिलती है, उस स्थिति में भी वह प्रेत योनि में भटकती रहती है।
इनमें कुछ आत्माओं की शक्ति बहुत अधिक होती है, जिन्हें भूत-प्रेत या राक्षस आदि के रूप में जाना जाता है।