हिंदू परंपराओं के अनुसार, किसी भी धार्मिक कार्य में कलावा जरूरी रूप से बांधा जाता है, जो हमारी रक्षा करता है।
वास्तु शास्त्र में कलावा बांधने से जुड़े कुछ जरूरी नियम बताए गए हैं, जो हर किसी को जानने चाहिए। आइए इन नियमों के बारे में जानें।
हाथ में कलावा केवल 21 दिनों तक ही पहनना चाहिए। इसके बाद यह सकारात्मक ऊर्जा देना बंद कर देता है।
उतरे हुए कलावे को कभी दोबारा नहीं बांधना चाहिए। उतारने के बाद इसे किसी बहती नदी में प्रवाहित कर देना शुभ होता है।
पुरुषों और अविवाहित लड़कियों को अपने दाएं हाथ में कलावा बांधना चाहिए। इससे इनके जीवन में हमेशा खुशहाली बनी रहती हैं।
कलावा बांधते समय ॐयेन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबलः, तेन त्वां मनुबध्नामि, रक्षंमाचल माचल मंत्र का उच्चारण करें।
कलावा को हमेशा मंगलवार या शनिवार के दिन ही बदलना चाहिए, जबकि इसे आप किसी भी पूजा-पाठ के दौरान धारण कर सकते हैं।
कलावा बांधते समय व्यक्ति की मुट्ठी बंद होनी चाहिए और यदि संभव हो, तो उस बंद मुट्ठी में कुछ धन रख लेना चाहिए।
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