सनातन धर्म के मुताबिक पीपल के पेड़ में जगत के पालनहार भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी निवास करते हैं।
पीपल के पेड़ की पूजा करने से घर में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहती है। इसके अलावा साढ़े साती और शनि की ढैया का प्रभाव क्षीण होता है।
पीपल के पेड़ की पूजा करने से न्याय के देवता शनिदेव प्रसन्न होते हैं और व्यक्ति के जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के संकट दूर हो जाते हैं।
अगर आप भी शनि देव का आशीर्वाद पाना चाहते हैं, तो पीपल के पेड़ की पूजा करते समय इन बातों का ध्यान रखें।
सनातन शास्त्रों में रविवार के दिन पीपल पेड़ की पूजा करने की मनाही है। रविवार के दिन पूजा करने से दोष लगता है।
सनातन शास्त्रों में सूखे पीपल के पेड़ को रविवार के दिन काटने की अनुमति है। वहीं, पीपल के पेड़ को रविवार के दिन ही उखाड़ना चाहिए।
अगर आप आर्थिक तंगी से परेशान हैं, तो निजात पाने के लिए हर गुरुवार को पीपल के पत्ते को पानी में साफ कर उस पर चंदन या केसर से ‘ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं नमः’ मंत्र लिखकर मां लक्ष्मी को अर्पित करें।
शास्त्रों की मानें तो पीपल के पेड़ में धन की देवी मां लक्ष्मी की बहन दरिद्रा का वास होता है। इसके लिए पीपल के पेड़ की पूजा रविवार के दिन नहीं करनी चाहिए।
इससे घर में गरीबी और दरिद्रता आती है साथ ही व्यक्ति को आर्थिक संकटों का भी सामना करना पड़ता है।