ये शब्द अंग्रेजी के स्मोक(Smoke) और फॉग (Fog) से मिलकर बना हुआ है, इसका नाम पर्यावरण में पाए जाने वाले धुएं को देखकर रखा गया है।
स्मॉग शब्द की शुरुआत 20वीं सदी की शुरुआत में अस्तित्व में आया।
स्मॉग में कई तरह की रासायनिक गैसें और रसायन शामिल हैं, दरअसल स्मॉग नाइट्रोजन ऑक्साइड, सल्फर ऑक्साइड, ओजोन गैस, धुआं और अन्य कणों से बना होता है।
जब स्मॉग सांस के जरिए हमारे शरीर में प्रवेश करता है, तो कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है, खासकर अस्थमा के मरीज जिनकी हालत कई बार गंभीर हो जाती है।
स्मॉग से आपको खांसी, सांस लेने में तकलीफ, फेफड़ों की गंभीर बीमारी का खतरा, आंखों में जलन, दिल की बीमारियों का खतरा जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
स्मॉग आमतौर पर बड़े शहरों में पाया जाता है, जहां बहुत अधिक औद्योगिक और वाहनों की आवाजाही होती है।
स्मॉग के हानिकारक प्रभावों से बचने के लिए मास्क का इस्तेमाल करना सबसे जरूरी है।