अधिकांश हिंदू धार्मिक संस्कारों में माथे पर तिलक लगाया जाता है, पूजा, विवाह आदि आयोजनों में तिलक लगाने की प्रथा है।
क्या आपने कभी सोचा है कि माथे पर तिलक क्यों लगाया जाता है और यह परंपरा कहां से शुरू हुई?
माथे के केंद्र में तिलक इसलिए लगाया जाता है क्योंकि हमारे मस्तिष्क के केंद्र में आज्ञाचक्र होता है, जिसे गुरुचक्र भी कहा जाता है।
तिलक हमेशा अनामिका उंगली से लगाया जाता है, अनामिका सूर्य का प्रतीक है, इससे तिलक लगाने से वैभव और प्रतिष्ठा प्राप्त होती है।
तिलक किसी भी रंग का हो, ऊर्जा सभी में होती है लेकिन सफेद रंग यानी चंदन का तिलक शीतलता के लिए लगाया जाता है।
लाल रंग का तिलक ऊर्जावान और पीले रंग का तिलक प्रसन्न रहने के लिए लगाया जाता है।