भारत एक ऐसा देश है जहां अलग-अलग धर्म हैं, इन धर्मों में कई रीति-रिवाज और परंपराएं हैं, खासकर हिंदू धर्म में।
हिन्दू धर्म में एक चीज जो सबसे अनोखी होती है वह है स्त्री का सोलह श्रृंगार, इस सोलह श्रृंगार में माथे पर बिंदी से लेकर पांव में पहनी जाने वाली बिछिया तक हर चीज का अपना महत्व होता है।
बिछिया जिसे हिंदू और मुस्लिम दोनों ही धर्मों की महिलाएं पहनती हैं, कई लोग इसे शादी का प्रतीक मानते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसके पीछे वैज्ञानिक कारण भी है।
बिछिया पहनने का सीधा संबंध महिलाओं के गर्भाशय से होता है, विज्ञान में माना जाता है कि पैरों के अंगूठे की तरफ से दूसरी अंगुली में एक विशेष नस होती है जो गर्भाशय से जुड़ी होती है।
वास्तु के अनुसार महिलाओं के बिछिया पहनने से घर में नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव कम होता है, इसके अलावा दैवीय शक्तियां अधिक सक्रिय हो जाती हैं।
शास्त्रों में कहा गया है कि दोनों पैरों में चांदी की बिछिया पहनने से महिलाओं का मासिक धर्म नियमित हो जाता है, इससे महिलाओं को गर्भ धारण करने में आसानी होती है।