लहसुनिया रत्न का बनावट बिल्ली की आंख की तरह होती है। इस कारण इसे कैट आई (Cat Eye) भी कहते हैं।
लहसुनिया को केतु का रत्न माना जाता है। इस रत्न को पहनने से बिजनेस और नौकरी में लाभ मिलता है।
अगर किसी जातक की कुंडली में केतु की स्थिति कमजोर है, तो वह इस रत्न को धारण कर सकता है।
कुंडली में केतु की अंतर या महा दशा चल रही हो, तो लहसुनिया रत्न पहनना लाभ कारी होगा।
वह लोग भी लहसुनिया रत्न को धारण कर सकते हैं जिनकी कुंडली में केतु प्रथम, तीसरे, चौथे, पांचवे, नवें और दसवें भाव पर स्थित है।
अगर कुंडली में केतु के साथ सूर्य है, तो वह भी इस रत्न को धारण कर सकते हैं।
नजर दोष से बचने के लिए भी लहसुनिया रत्न धारण किया सकता है।
अगर किसी जातक की कुंडली में केतु भाग्येश या फिर पांचवें भाव में है, तो लहसुनिया रत्न पहनने से लाभ मिलेगा।