मुगल काल में हुई थी मांडा रोटी की शुरुआत, अब बनी हर किसी की पसंद


By Harshita Saxena18, Jan 2023 09:43 PMjagran.com

भारत का दिल मध्यप्रदेश

मध्यप्रदेश का इतिहास और यहां का पर्यटन देश ही नहीं बल्कि विदेश में भी काफी मशहूर है।

देश-विदेश में मशहूर मांडा रोटी

यह राज्य अपने खानपान के लिए भी दुनियाभर में काफी मशहूर है। प्रदेश के इन्हीं मशहूर व्यंजनों में से एक है बुरहानपुर की रूमाली मांडा रोटी।

रूमाली रोटी जैसी होती है

मांडा रोटी काफी हद तक रूमाली रोटी की ही तरह होती है। हालांकि, इसका वजन, आकार और बनाने का तरीका बिल्कुल अलग होता है।

मुगल काल में हुई शुरुआत

इसके इतिहास की बात करें तो मांडा रोटी की शुरुआत सन 1601 में मुगल शासनकाल में हुई थी।

समय के साथ बदली रोटी

उस दौरान एक मांडा रोटी करीब 500 ग्राम वजनी होती थी। लेकिन, मौजूदा समय में यह रोटी लगभग 250 ग्राम वजनी मिलती है।

विदेश जाते हैं कारीगर

दुनियाभर में इस रोटी की बढ़ती डिमांड की वजह से बुरहानपुर से ही कारीगर अरब देशों, श्रीलंका, नेपाल आदि देशों में जाते हैं।

विधि देखने जाते हैं लोग

लोगों के बीच इस रोटी का चलन इस कदर बढ़ चुका है कि वह न सिर्फ इसे खाते हैं, बल्कि इसे बनाने की विधि देखने तक के लिए दुकान जाते हैं।

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