मध्यप्रदेश का इतिहास और यहां का पर्यटन देश ही नहीं बल्कि विदेश में भी काफी मशहूर है।
यह राज्य अपने खानपान के लिए भी दुनियाभर में काफी मशहूर है। प्रदेश के इन्हीं मशहूर व्यंजनों में से एक है बुरहानपुर की रूमाली मांडा रोटी।
मांडा रोटी काफी हद तक रूमाली रोटी की ही तरह होती है। हालांकि, इसका वजन, आकार और बनाने का तरीका बिल्कुल अलग होता है।
इसके इतिहास की बात करें तो मांडा रोटी की शुरुआत सन 1601 में मुगल शासनकाल में हुई थी।
उस दौरान एक मांडा रोटी करीब 500 ग्राम वजनी होती थी। लेकिन, मौजूदा समय में यह रोटी लगभग 250 ग्राम वजनी मिलती है।
दुनियाभर में इस रोटी की बढ़ती डिमांड की वजह से बुरहानपुर से ही कारीगर अरब देशों, श्रीलंका, नेपाल आदि देशों में जाते हैं।
लोगों के बीच इस रोटी का चलन इस कदर बढ़ चुका है कि वह न सिर्फ इसे खाते हैं, बल्कि इसे बनाने की विधि देखने तक के लिए दुकान जाते हैं।