हिन्दू धर्म में यह माना गया है कि मंत्रों का जाप करने से जीवन में सकारात्मकता आती है। हालांकि मंत्रों का जाप करते समय कुछ नियमों का जरूर ध्यान देना चाहिए।
इनमें से एक नियम है कि मंत्रों का आंख बंद कर जाप करना चाहिए। ऐसा क्यों किया जाता है आइए इसके बारे में विस्तार से जानें।
शास्त्रों में बताया गया है कि मंत्र का जाप करते समय आंखों का बंद रखना बहुत जरूरी है। मंत्रों में दिव्य ऊर्जा होती है, जिसमें बहुत तेज होता है।
आंख खोलकर मंत्रों का जाप करने से झेलना मुश्किल हो जाएगा। इसके तेज को ग्रहण करने के लिए आंखों का बंद रखना जरूरी है, जिससे शरीर की एकाग्रता इसको ग्रहण कर सके।
आंखें खुली होने पर हमारी एकाग्रता भंग होती रहती है, जिससे ध्यान नहीं लग पाता है। मंत्रों के जाप का फल भी इस कारण नहीं मिल पाता है।
यही कारण है कि आंखों को बंद कर मंत्रों का जाप करना चाहिए। इससे भगवान में ध्यान जल्दी लग जाता है।
आंख बंद कर मंत्रों का जाप करने से ध्यान आसानी से लग जाता है। मन बहुत चंचल होता है। वह आंख खुली होने पर इधर-उधर भागने लगता है।
शास्त्रों में बताया गया है कि किसी भी मंत्र के जाप से पहले 'ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्' गायत्री मंत्र का जप जरूर करें।
ऐसे में इस बात का खासतौर से ध्यान रखें कि जब भी मंत्रों का जाप करें तो आपकी आंखें बंद हो। अध्यात्म से जुड़ी तमाम बड़ी खबरों के लिए पढ़ते रहें jagran.com