प्रदोष व्रत हर महीने में कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है।
इस दिन व्रत करने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। इसके साथ ही जीवन में आने वाली बाधाएं समाप्त होती हैं।
अगला प्रदोष व्रत जुलाई माह में 3 तारीख को रखा जाएगा। इस दिन कई शुभ योगों का निर्माण हो रहा है, जिससे इस दिन का महत्व और भी बढ़ गया है।
यह प्रदोष व्रत बुधवार के दिन पड़ रहा है, इसलिए इसे बुध प्रदोष व्रत कहा जाएगा। बुध प्रदोष व्रत का मुहूर्त 3 जुलाई को सुुबह 7 बजकर 10 मिनट पर शुरू हो रहा है और इसका समापन अगले दिन 5 बजकर 54 मिनट पर होगा।
प्रदोष व्रत के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। यह योग बहुत ही शुभ माना जाता है। प्रदोष व्रत के पूरे दिन यह योग रहेगा।
वहीं, इस दिन रोहिणी नक्षत्र योग का भी निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण सुबह से हो रहा है और अगले दिन 4 बजकर 7 मिनट तक रहेगा।
प्रदोष व्रत के दिन शिव जी की पूजा करते समय अक्षत, फूल, बेल पत्र, पान के पत्ते, इलायची, इत्र आदि अर्पित करें। ऐसा करने से शिव जी प्रसन्न होते हैं।
भगवान शिव को हलवा बहुत प्रिय होता है। ऐसे में इस दिन भगवान शिव को हलवे का भोग लगाएं। ऐसा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
प्रदोष व्रत के दिन इन शुभ योगों का निर्माण हो रहा है। धर्म और अध्यात्म से जुड़ी ऐसी ही अन्य खबरों के लिए पढ़ते रहें Jagran.Com