किसी भी मांगलिक कार्य में दीपक जलाने का विशेष महत्व होता है। बिना दीपक जलाए कोई भी पूजा संपन्न नहीं होती है। आइए जानते हैं कि दीपक की लौ में फूल बनने का क्या मतलब होता है?
पूजा-पाठ के दौरान देवी-देवता को प्रसन्न करने के लिए दीपक जलाया जाता है। पूजा खत्म होने तक दीपक को बुझने नहीं दिया जाता है।
कई बार दीपक जलाने के बाद अलग-अलग आकृति बनती है। इन आकृतियों का अलग-अलग महत्व होता है। ये लौ कई संकेतों को दर्शाते हैं।
कई बार दीपक जलाने के बाद उसकी लौ में फूल जैसी आकृति बनने लगती है। इस आकृति से पता चलता है कि पूजा से भगवान प्रसन्न हो रहे हैं या नहीं।
अगर दीपक जलाने के बाद उसके लौ में फूल की आकृति बन जाए तो समझ जाइए कि आपकी प्रार्थना भगवान तक पहुंच गई है। इससे आपकी पूजा सफल हो जाती है।
अगर आप पूजा के समय दीपक जलाते हैं और इसकी लौ में फूल की आकृति बन जाती है तो यह शुभ माना जाता है। इसका मतलब जीवन में आने वाले संकट दूर होने वाले हैं।
मिलना दीपक जलाने के बाद लौ में फूल बनना शुभ माना जाता है। यह दोषों से छुटकारा मिलने का संकेत हो सकता है। इसके साथ ही जीवन में आने वाली परेशानियां दूर होने लगती है।
पूजा-पाठ में दीपक रखते समय दिशा का विशेष ध्यान रखना चाहिए। तेल के दीपक को दाएं और घी के दीपक को बाईं तरफ रखना चाहिए।
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