राहुल गांधी से पहले संसद की सदस्यता गंवाने और विधायकी छिनने वाले नेताओ में लालू प्रसाद यादव, जे जयललिता, पीपी मोहम्मद फैजल, कुलदीप सिंह सेंगर, आजम खान, अनिल कुमार साहनी, विक्रम सिंह सैनी शामिल हैं।
राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को भी संसद की सदस्यता गंवानी पड़ी थी। सितंबर 2013 में चारा घोटाला मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद लालू की लोकसभा सदस्यता छिन गई थी।
AIADMK की प्रमुख जे जयललिता को भी विधायकी से हाथ धोना पड़ा था। आय से अधिक संपत्ति के मामले में 4 साल की सजा सुनाए जाने के बाद सितंबर 2014 में तमिलनाडु विधानसभा से उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया था।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सांसद पीपी मोहम्मद फैजल को जनवरी 2023 में हत्या के प्रयास के मामले में 10 साल कारावास की सजा सुनाई गई थी, जिसके बाद उन्हें संसद की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया
भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को बलात्कार के एक मामले में दोषी ठहराया गया था। इसके बाद फरवरी 2020 में कुलदीप सिंह सेंगर को उत्तर प्रदेश विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहरा दिया गया था।
समाजवादी पार्टी के नेता और रामपुर से विधायक रहे आजम खान अक्टूबर 2022 में उत्तर प्रदेश विधानसभा से अयोग्य घोषित हुए थे और उन्हें विधायकी छोड़नी पड़ी थी। यूपी के कोर्ट ने उन्हें तीन साल की सजा सुनाई थी।
राजद विधायक अनिल कुमार साहनी को धोखाधड़ी के एक मामले में तीन साल की सजा हुई थी। जिसके बाद अक्टूबर 2022 में उन्हें बिहार विधानसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया था। वह कुरहानी विधानसभा सीट से विधायक थे।
BJP विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के अलावा विक्रम सिंह सैनी की भी सदस्यता छिन गई थी। साल 2013 में मुजफ्फरनगर के दंगों के मामले में दो साल की सजा मिली, जिसके बाद अक्टूबर 2022 में उन्हें विधायकी छोड़नी पड़ी।
पूर्व कांग्रेस नेता प्रदीप चौधरी को जनवरी 2021 में कोर्ट ने मारपीट के एक मामले में तीन साल की सजा सुनाई थी। जिसके बाद हरियाणा विधानसभा ने उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया था।