वैसे तो टायर की लाइफ चेक करने के बहुत से तरीके हैं, लेकिन यह काम आपके जेब में पड़ा एक रुपया भी कर सकता है। जानने के लिए आगे देखें।
एक नॉर्मल टायर औसतन पांच सालों तक चलता है। वहीं, फैक्ट्री-फिटेड हो तो 40,000 से 50,000 किलोमीटर तक चलने के लिए डिज़ाइन किया जाता है।
टायरों की लाइफ चेक करने के लिए एक सिक्का लें और इसे टायर की ग्रिप में डालें, सिक्का जितना अधिक ग्रिप के अंदर जाएगा, टायर उतना ज्यादा समय तक चल सकता है।
एक अच्छी कंडीशन के टायर में सिक्का लगभग एक चौथाई हिस्सा तक डूबा रहता है। जैसे-जैसे टायर घिसता जाता है। सिक्का ग्रिप में कम गहराई तक जाता है।
वर्तमान में वैसे टायर भी बनाए जा रहे हैं जिसके अंदर में पीली पट्टी दी जाती है। इसका नजर आना टायर बदलने का इशारा होता है।
पुराने टायरों में इसके फटने का खतरा रहता है जो कि आपके जान-माल को नुकसान पहुंचा सकता है।
अगर टायर घिस चुका है तो कार के व्हील का संतुलन हिल सकता है। इससे कार को बैलेंस करने में दिक्कत आती है।
टायरों की लाइफ इस बात पर भी निर्भर करती है कि आप इस तरह की ड्राइविंग करते हैं।