आइए एक नजर डालते हैं, उन क्रिकेटर्स पर जो मुसलमान नहीं थे, फिर भी पाकिस्तान के लिए पूरे मन से क्रिकेट खेला।
दानिश कनेरिया ने अपने इंटरनेशनल करियर का आगाज साल 2000 में किया। वह पाकिस्तान की तरफ से सबसे ज्यादा 261 टेस्ट विकेट लेनेवाले स्पिन गेंदबाज हैं।
बेहतरीन बल्लेबाजों में शुमार रहे यूसुफ योहाना ने पाकिस्तानी टीम के लिए 90 टेस्ट मैच खेले हैं। यूसुफ ने 1998 में अपने करियर का आगाज किया था। यूसुफ योहाना पहले ईसाई थे फिर बाद में मुस्लिम बन गए।
पाकिस्तान के पूर्व विकेटकीपर अनिल दलपत सोनवारिया दानिश कनेरिया के कजिन हैं। उन्होंने पाकिस्तान के लिए 9 टेस्ट मैच ही खेलें। इस दौरान अनिल ने 167 रन बनाए।
ईसाई धर्म के एंटाओ डिसूजा ने 1959 में पाकिस्तान की तरफ से क्रिकेट खेलना शुरू किया। इस दौरान वह महज 6 टेस्ट मैच ही खेल सके, जिसमें कि डिसूजा ने कुल 17 विकेट चटकाए।
ईसाई धर्म से नाता रखने वाले डंकन शार्प ने पाकिस्तान के लिए 1959 में खेलना शुरू किया। उन्होंने केवल तीन टेस्ट मैच ही खेलें। इस दौरान डंकन ने 134 रन बनाए।
ईसाई धर्म के वालिस मैथिएज ने पाकिस्तान के लिए 1974 में करियर की शुरुआत की। मैथिएज ने पाकिस्तान के लिए 21 टेस्ट मैच खेले जिसमें उन्होंने 783 रन बनाए।
ईसाई धर्म के सोहेल फजल ने पाकिस्तान के लिए दो वनडे मैच खेले। 1989-90 की चैम्पियंस ट्रॉफी के एक मुकाबले में सोहेल फजल ने तीन गगनचुंबी छक्के लगाकर टीम का स्कोर 250 के पार पहुंचाया था।
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