इस दौरान पितरों की पूजा करना शुभ माना जाता है। आइए जानते हैं कि पितृ पक्ष में किस दिन श्राद्ध करने से संतान की प्राप्ति होती है?
पितरों के नाराज होने पर वंश वृद्धि रुक जाती है। वहीं, पितृ पक्ष में श्राद्ध करने संतान की प्राप्ति होती है।
पितृ पक्ष के हर दिन को पितरों के लिए शुभ माना जाता है। इसके अलावा अमावस्या के दिन श्राद्ध कर्म करने से विशेष महत्व होता है। इससे संतान की प्राप्ति भी होती है।
पितृ पक्ष में काले तिल का विशेष महत्व होता है। इस दौरान काले तिल का दान करने से वंश वृद्धि होती है। इसके साथ ही संतान का सुख भी प्राप्त होता है।
धार्मिक दृष्टि से जौ को सोना के सामान माना जाता है। पितृ पक्ष में जौ का दान करने से पितर प्रसन्न होते है और परिवार को लोगों को उनका आशीर्वाद मिलता है।
पितृ पक्ष में झाड़ू, नमक और सरसों के तेल को खरीदना वर्जित माना जाता है। ऐसा करने से पितर नाराज होने लगते हैं।
पितृ पक्ष में मकान और गाड़ी को खरीद सकते हैं। क्योंकि पितर अपने वंश की वृद्धि देखकर खुश होते हैं और आशीर्वाद देते हैं।
पितृ पक्ष में अल्कोहल और मांसाहारी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से पितृ दोष हो सकता है।
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