यह व्रत हर महीने के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। यह दिन भगवान शिव को समर्पित होता है।
इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। इस दिन भक्त व्रत का पालन करते हैं। व्रत करने से सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है।
इस महीने के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को होने वाला प्रदोष व्रत 10 दिसंबर को पड़ रहा है। इसका शुभ मुहूर्त 10 दिसंबर को सुबह 7 बजकर 13 मिनट से शुरू होकर अगले दिन 7 बजकर 10 मिनट तक होगा।
इस दिन प्रदोष काल शाम 5 बजकर 25 मिनट से शुरू होकर 8 बजकर 8 मिनट तक रहेगा। इस समय भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करें।
इस दिन सुबह जल्दी उठें और दैनिक कार्यों से निवृत्त होकर घर की साफ-सफाई करें और फिर गंगाजल युक्त पानी से स्नान करें।
भगवान शिव को सफेद वस्त्र बेहद प्रिय हैं, इसलिए इस दिन सफेद वस्त्र धारण करें और फिर पूजा करें तथा व्रत का संकल्प लें।
पूजा के बाद शिव चालीसा और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें, इससे भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और भक्तों को आशीर्वाद देते हैं।
इस दिन व्रत का पालन करें और संध्या आरती के बाद फलाहार का सेवन करें, इसके बाद अगले दिन व्रत खोलें।
आध्यात्म से जुड़ी ऐसी ही अन्य खबरों के लिए पढ़ते रहें JAGRAN.COM