ज्योतिष शास्त्र में राहु एवं केतु ग्रह को पापी ग्रह के नाम से भी जाना जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि यह हर समय उल्टी चाल चलते हैं।
कुंडली में यदि राहु-केतु दोष है तो जातक को शारीरिक, आर्थिक व मानसिक रूप से कई परेशानियां झेलनी पड़ती है।
चैत्र नवरात्रि में मां भगवती की उपासना करने से न केवल दुख एवं कष्ट दूर होते हैं, बल्कि नवग्रह भी शांत होते हैं और उनका अशुभ प्रभाव नहीं पड़ता है।
हिंदू पंचांग के अनुसार इस वर्ष चैत्र नवरात्रि का शुभारंभ 22 मार्च 2023, बुधवार से होगा और इसका समापन 30 मार्च, गुरुवार के दिन हो जाएगा।
ज्योतिष विद्वान बताते हैं की राहु और केतु के दोष से बचने के लिए मां चंद्रघंटा एवं मां ब्रह्मचारिणी की विधिवत पूजा करने से साधक को लाभ मिलता है।
राहु-केतु के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए व्यक्ति को पानी में चंदन का चूर्ण मिलाकर स्नान करना चाहिए। नवरात्रि के शुभ अवसर पर इस उपाय को शुरू करें और तीन महीने तक इसका पालन करें।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां दुर्गा के साथ-साथ भगवान शिव और हनुमान जी की उपासना करने से भी राहु-केतु दोष से मुक्ति मिल जाती है।
नवरात्रि के 9 दिन मां दुर्गा को समर्पित दुर्गा सप्तशती का पाठ अवश्य करें। ऐसा करने से मां भगवती प्रसन्न होती हैं, साथ ही इन दोनों ग्रहों का अशुभ प्रभाव कम हो जाता है।