सनातन धर्म में रमा एकादशी का विशेष महत्व होता है। इस दौरान भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। आइए जानते हैं कि रमा एकादशी कब है?
पंचांग के अनुसार, इस बार रमा एकादशी 28 अक्टूबर को मना सकते हैं। इस अवसर पर मंदिरों में पूजा-पाठ का आयोजन किया जाता है।
पंचांग के अनुसार, रमा एकादशी तिथि की शुरुआत 27 अक्टूबर को सुबह 05 बजकर 23 मिनट पर होगी। वहीं, इसका समापन 28 अक्टूबर को सुबह 07 बजकर 50 मिनट पर होगा।
इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक को शुभ फल की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही, जीवन में आने वाली परेशानियां दूर होने लगती हैं।
इस दिन सुबह स्नान करने के बाद पीले रंग का वस्त्र पहनें। इसके बाद सूर्य देव को अर्घ्य देकर भगवान विष्णु की पूजा करें। अंत में आरती करके विष्णु जी का आशीर्वाद लें।
रमा एकादशी पर पीले वस्त्र, मुरली, अन्न-धन, तुलसी के पौधे, मोर पंख और कामधेनु गाय की प्रतिमा का दान करना चाहिए। इससे जीवन में किसी भी चीज की कमी नहीं होती है।
रमा एकादशी पर पूजा करते समय ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात्। मंत्र का जाप करना चाहिए। इससे भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं।
अगर आपको कठिन परिश्रम के बाद भी सफलता नहीं मिल रही है, तो रमा एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा करें। ऐसा करने से कार्य में सफलता मिलती है।
सालभर पड़ने वाले त्योहार और विशेष तिथियों के बारे में जानने समेत अध्यात्म से जुड़ी तमाम जानकारियों के लिए जुड़े रहें jagran.com के साथ