शारदीय नवरात्रि का विशेष महत्व है। इस साल शारदीय नवरात्रि का प्रारंभ 15 अक्टूबर से शुरू हो रहा है। ये 9 दिन मां दुर्गा को समर्पित होते हैं। इस दौरान माता रानी की पूजा, अर्चना विधि-विधान से की जाती है।
अश्विन मास की प्रतिपदा तिथि से इस पर्व की शुरूआत होती है। पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है।
नवरात्रि के दौरान लोग व्रत का पालन करते हैं। नवरात्रि में कलश स्थापना का विशेष महत्व है। इसके पहले दिन कलश स्थापना की जाती है।
15 अक्टूबर को कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 48 मिनट से शुरू होकर दोपहर 12 बजकर 36 मिनट तक रहेगा।
कलश स्थापना के लिए सबसे पहले मिट्टी के पात्र में मिट्टी डालकर उसमें थोड़े से जौ के बीज बोएं। इसके बाद तांबे के लोटे पर रोली से स्वास्तिक बनाएं।
अब लोटे के ऊपरी हिस्से पर कलावा बांधे। इसके बाद इस लोटे में जल भरकर इसमें गंगाजल की कुछ बूंदे मिलाएं।
मां दुर्गा को लाल रंग बहुत प्रिय है। इसलिए पूजा के लिए लाल रंग का आसन खरीदें। इस पर ही पूजा का सामान रखें।
इसके बाद मिट्टी का पात्र, जल से भरा कलश, इलायची, लौंग, कपूर, अशोक और आम के पत्ते, नारियल, सिंदूर, फल, फूल, सिक्के आदि लाल आसन पर स्थापित करें।
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