सावन का पवित्र महीना चल रहा है। यह भगवान शिव को समर्पित महीना है, इसमें भगवान शिव की पूजा, अर्चना की जाती है।
इस महीने का विशेष महत्व है। लोग भगवान शिव की आराधना के लिए दूर-दूर से प्रसिद्ध मंदिरों में जाते हैं।
इस महीने में लोग कांवड़ यात्रा भी निकालते हैं, जिसमें लोग पैदल यात्रा करते हैं और भगवान शिव की जय बोलते हुए चलते हैं।
कांवड़ यात्रा का विशेष महत्व है। माना जाता है कि इसकी शुरूआत शिव जी के परम भक्त श्री परशुराम जी ने की थी।
एक और प्रचलित मान्यता के अनुसार, श्रवण कुमार अपने माता-पिता को तीर्थ घुमाने के लिए कांवड़ में ही बैठाकर ही हरिद्वार ले गए थे।
इस यात्रा से वापस आते वक्त श्रवण कुमार ने गंगाजल से भगवान शिव का जलाभिषेक किया था।
हर वर्ष लोग बहुत-बहुत दूर से कांवड़ यात्रा करते हैं। भगवान भोलेनाथ के प्रति अपनी सच्ची भक्ति दर्शाते हैं।
भक्त जल ले जाते समय नंगे पैर चलते हैं और कई भक्त जमीन पर लेटकर तीर्थयात्रा पूरी करते हैं। इस यात्रा को करने से भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
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