अक्सर धार्मिक कार्यक्रमों के दौरान मंत्रो का जाप किया जाता है। इस दौरान जल छिड़का जाता है। आइए जानते हैं कि ऐसा क्यों किया जाता है।
ऐसा माना जाता है कि मंत्र का जाप करने के बाद जल को छिड़का जाता है। मान्यता है कि जप के बाद पानी को नहीं छूना चाहिए।
मंत्र का जाप शुरू होने से पहले एक छोटे लोटे में पानी भर के रख लिया जाता है। इसके साथ ही एक छोटा चिम्मच भी रखा जाता है।
मंत्र का जाप शुरू होने से पहले मंत्रोच्चारण के समय हाथों में जल लेकर संकल्प करते हैं और जल को सामने अर्पित कर देते हैं।
मंत्र जाप खत्म होने के बाद चम्मच में थोड़ा जल लें। जिस आसम पर बैठे थे, उसके एक तरफ से चम्मच को उठाकर आसन के नीचे डाल देना चाहिए।
डाले गए जल को आसन से ढक दें। इसके बाद जमीन को स्पर्श करके भगवान को प्रणाम करना चाहिए।
अपने ऊपर जल को छिड़ककर पवित्र कर लेना चाहिए। ऐसा करने के बाद पूजा करने से भगवान प्रसन्न होते हैं।
जल का पूजा-पाठ में काफी महत्व होता है। पूजन में लाई गई सामग्री को भी जल से पवित्र किया जाता है।
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