जब बिना किसी मेहनत के दो महीने में ही किसी व्यक्ति का वजन लगभग 3-4 किलो कम हो जाए, तो वाकई यह बात चिंताजनक हो सकती है। यह लक्षण इन बीमारियों की ओर इशारा करता है।
जो लोग कभी भी अपना शुगर लेवल चेक नहीं करते, लेकिन तेजी से उनका वजन घट रहा हो, तो यह डायबिटीज का संकेत है। तो इसे नजरअंदाज न करें।
इसमें लिवर शरीर के लिए जरूरी डाइजेस्टिव एंजाइम्स नहीं बना पाता। जिससे भोजन पचने में दिक्कत होती है और व्यक्ति को भूख नहीं लगती। पेट में ब्लोटिंग की समस्या भी होती है और वजन घटने लगता है।
रूमेटोइड अर्थराइटिस के कारण हड्डियों पर असर पड़ता है। इस बीमारी की शुरुआत में भी वजन तेजी से कम होने लगता है। 30 से 50 की उम्र के बीच रुमेटाइड गठिया का खतरा सबसे ज्यादा होता है।
कैंसर या टीबी होने पर लोगों में भोजन के प्रति अरुचि होती है, जिससे लोगों का वजन घटने लगता है। इसके अलावा कैंसरयुक्त कोशिकाएं स्वस्थ कोशिकाओं को नष्ट करने लगती हैं। तेजी से वेट लॉस होता है।
बीमारी के कारण पाचन तंत्र में लंबे समय तक सूजन की समस्या हो सकती है। जिन लोगों को (आईबीडी) की प्रॉब्लम होती है, उनमें नॉर्मली थकान, दस्त, ऐंठन, पेट में दर्द की दिक्कतें भी देखने को मिलती हैं।