चीन ने एक बार फिर नापाक चाल चलने की कोशिश की है। 9 दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर से सटे बॉर्डर पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प हुई थी।
हालांकि इस झड़प में किसी भी भारतीय जवान को कोई नुकसान नहीं हुआ है। पिछले कुछ समय से चीन द्वारा सीमा पर ड्रोन्स भी भेजे जा रहे थे।
चीन के नाकाम मंसूबों को ध्वस्त करने के लिए तेजपुर एयरफोर्स स्टेशन से सुखोई-30 एमकेआई फाइटर जेट्स की तैनाती है।
सुखोई-30 एमकेआई रूस के सुखोई-27 का एडवांस्ड वर्जन है। इंडियन एयरफोर्स के पास 272 सुखोई-30 एमकेआई हैं।
इसे 2009 में ही तेजपुर एयरबेस पर तैनात किया गया है। यह इकलौता फाइटर जेट है, जिसे अलग-अलग जगह पर उसकी भौगोलिक स्थिति के अनुसार ढाल सकते हैं।
भारत में सुखोई-30एमकेआई को हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड बनाती है। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने साल 1997 में रूस से इसका लाइसेंस लिया था।
यह फाइटर जेट 2129 किमी प्रतिघंटा की स्पीड से उड़ता है। इसकी रेंज 3000 किलोमीटर है। साथ ही यह 57 फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है।