युवाओं को परिश्रम करने के लिए प्रेरित करने के लिए स्वामी विवेकानंद ने कई मूल मंत्र दिए हैं। आइए जानते हैं कि किन बातों को ध्यान में रखकर सफलता हासिल की जा सकती है?
अक्सर लोगों को कठिन परिश्रम करने के बाद भी सफलता नहीं मिलती है। ऐसे लोगों को स्वामी विवेकानंद की बातों को ध्यान में रखना चाहिए।
परिश्रम करने से पहले लक्ष्य का निर्धारण करना चाहिए। बिना समय के परिश्रम करना समय की बर्बादी हो सकता है।
जब तक आप अपने कामों को करने में व्यस्त रहते हैं, तब तक काम आसान रहता है। वहीं, व्यक्ति जब आलस करने लगता है तो काम कठिन हो जाता है। आलस करने से बचना चाहिए।
व्यक्ति को पढ़ने के लिए एकाग्रता जरूरी है और एकाग्रता के लिए ध्यान। ध्यान करके इंद्रियों पर काबू पाकर एकाग्रता प्राप्त कर सकते हैं।
जिस समय किसी काम को करने के प्रतिज्ञा करो। उसे उसी समय कर लेना चाहिए। बाद में काम करने से आपके ऊपर से लोगों का विश्वास उठने लगता है।
जीवन में जब तक जीना चाहिए तबग तक सीखना चाहिए। अनुभव ही जगत का सर्वश्रेष्ठ शिक्षक होता है।
किसी काम को करते समय उसी में पूरी आत्मा लगा देनी चाहिए। बाकी सब भूल जाना चाहिए।
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