भारत के एथलीट स्पेशल ओलंपिक वर्ल्ड समर गेम्स के लिए जोर-शोर से तैयारी कर रहे हैं।
इन गेम्स का आयोजन 17 जनू से 25 जून के बीच बर्लिन में होगा, जिसमें चंडीगढ़ की प्रार्थना भी हिस्सा लेंगी, जो बौद्धिक अक्षमता के कारण सही से बोल नहीं पाती।
प्रार्थना स्विमिंग करती हैं। जब वह पांच साल की थीं, तभी से उन्हें बोलने की समस्या हुई। बौद्धिक अक्षमता के कारण उनकी मां अंजू भाटिया ने उन्हें नर्सरी तक पढ़ाने का प्रयास किया, लेकिन असफल रहीं।
इसी बीच प्रार्थना की तैराकी में प्रार्थना की रुचि को देख अंजू ने फैसला किया कि वह बेटी को सबल बनाएंगी।
प्रार्थना ने रंग और वस्तुओं को स्पर्श के माध्यम से सीखना शुरू किया।
माता-पिता से लगातार बातचीत से प्रार्थना कुछ हद तक बोल पाने में सफल हुई है। जबकि तैराकी और साइकिल चलाना उनकी ताकत बन गई।
प्रार्थना अब अपने माता-पिता के बिना भी कई शहरों की यात्रा कर चुकी है। साथ ही तैराकी में अपना कौशल दिखाना जारी रखा है।
प्रार्थना की पहली हवाई यात्रा को याद करते हुए अंजू ने बताया,
बर्लिन खेलों के लिए प्रार्थना कोच शीतल की देखरेख में तैयारी कर रही है। वह दिन में कम से कम दो बार तैराकी की प्रैक्टिस करती है।