चाणक्य, जिन्हें कौटिल्य के नाम से भी जाना जाता है, एक प्राचीन भारतीय शिक्षक, दार्शनिक और मौर्य शासनकाल में शाही सलाहकार थे।
जीवन और सफलता पर उनकी बहुमूल्य अंतर्दृष्टि में चाणक्य नीति में संकलित हैं, जो समृद्ध जीवन जीने के लिए व्यावहारिक मार्गदर्शन प्रदान करता है।
चाणक्य नीति में चाणक्य भी मनुष्य को कुछ बातों के बारे में आगाह करते हैं। इनसे जान को भी खतरा हो सकता है। आइए इसके बारे में जानें।
णक्य आग और पानी को लापरवाही से संभालने के खिलाफ चेतावनी देते हैं, क्योंकि अगर इन्हें ठीक से न संभाला जाए तो ये घातक हो सकते हैं।
अपने कौशल के अनुसार ही आग और पानी से खेलें। इससे दुर्घटनाएं हो सकती हैं जिसके परिणामस्वरूप गंभीर चोट लग सकती है या मृत्यु भी हो सकती है।
चाणक्य शेर, भालू और बाघ जैसे हिंसक जानवरों से दूर रहने की सलाह देते हैं। क्योंकि इनका स्वभाव आक्रामक होता है। ऐसे में इनके बहुत करीब जाने से बचें।
चाणक्य के अनुसार बुरे दोस्तों की संगति आपको अंधकार की ओर ले जाएगी क्योंकि गुस्से में आकर वे कभी भी आप पर हमला कर आपको नुकसान पहुंचा सकते हैं।
चाणक्य के अनुसार आलस्य मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है। मनुष्य को कभी भी आलसी नहीं होना चाहिए। आलसी व्यक्ति जीवन में कभी सफल नहीं हो सकते।
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