योनि की स्वच्छता को लेकर ज्यादातर महिलाओं आज भी अनजान हैं। कई बार इसकी प्राकृतिक गंध को लेकर भी वे काफी चिंतित रहती हैं। इसके लिए वे साबुन का इस्तेमाल करने लगती हैं, जिसके कुछ दुष्परिणाम हैं।
साबुन में मौजूद हार्ष केमिकल्स वजाइना के पीएच लेवल को बिगाड़ सकते हैं, जिसकी वजह से खराब बैक्टीरिया बढ़ सकते हैं और इंफेक्शन का खतरा रहता है।
योनि में रोजाना साबुन के इस्तेमाल से ड्राईनेस और खुजली की समस्या हो सकती है। ये बैक्टीरियल वेजिनोसिस का खतरा बढ़ा सकता है।
साबुन के इस्तेमाल से ड्राईनेस की समस्या हो सकती है, जो आगे चलकर जलन और सूजन की समस्या को बढ़ावा दे सकते हैं।
साबुन के इस्तेमाल से योनि अपना नेचुरल पीएच लेवल खोने लगता है। इससे ड्राईनेस की समस्या शुरू हो जाती है। जबकि वजाइना के नेचुरल पीएच लेवल हानिकारक बैक्टीरिया को दूर रखने में मदद करते हैं।
कोशिश करें कि वॉशरूम जाने के बाद सादे पानी से गुप्तांग को साफ करें। क्योंकि यहां कि स्किन चेहरे से ज्यादा नाजुक होती है। दिन में कई बार सफाई के लिए सादा पानी ठीक है।
गुप्तांग के गंध को हटाने के लिए किसी भी तरह की आर्टिफिशियल फ्रेग्रेंस जैसे डियो या इत्र का इस्तेमाल न करें। ये योनि के स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक हैं।
गुप्तांग को हेल्दी रखने के लिए जरूरी है कि सूती कपड़े से बने अंडरगार्मेंट का इस्तेमाल करें। सिंथेटिक कपड़े शरीर को सांस लेने में दिक्कत पैदा करते हैं और त्वचा के लिए भी काफी हानिकारक होते हैं।