भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को यह पर्व मनाया जाता है। इस दिन कृष्ण जी का जन्मोत्सव मनाया जाता है। इस दिन लड्डू गोपाल की पूजा की जाती है और रात में उनका जन्मोत्सव मनाया जाता है।
इस दिन लड्डू गोपाल की पूजा की जाती है और रात में उनका जन्मोत्सव मनाया जाता है।
इस दिन भक्त व्रत का पालन करते हैं और जन्मोत्सव मनाने के बाद व्रत का पारण करते हैं।
इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नानादि करने के बाद स्वच्छ वस्त्रों को धारण करें।
इसके बाद घर के मंदिर की सफाई करें और फिर मंदिर को फूल माला से सजाएं।
अब लड्डू गोपाल स्नान कराकर स्वच्छ वस्त्र पहनाएं और श्रृंगार करने के बाद झूले में रखें। पूजा के समय झूले में जरूर झुलाएं।
भगवान श्रीकृष्ण को माखन-मिश्री का भोग लगाएं, लड्डू गोपाल को गाय के दूध से बनी खीर अर्पित करें।
इस दिन गरीब जरूरतमंद लोगों को कपड़े, भोजन आदि का दान करें। इसके अलावा गाय की सेवा करें व हरा चारा खिलाएं।
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