रमजान एक ऐसा उत्सव है, जिसमें बहुत कम भोजन किया जाता है और अपने अंतर्मन पर ध्यान केंद्रित करने की बात कही जाती है। इसलिए 30 दिनों तक उपवास भी रखे जाते हैं।
मधुमेह रोगियों के लिए काफी चुनौतीपूर्ण हो सकता है। क्योंकि इस दौरान दिनचर्या और जीवन शैली में एक महत्वपूर्ण बदलाव हो जाता है और यही वजह कि पूरे दिन सामान्य रक्त शर्करा के स्तर को बनाए रखना मुश्किल है।
उपवास करने से पहले मधुमेह के रोगियों को एक रणनीति बनाने की जरूरत होती है, जिसके लिए उन्हें पहले अपने चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए। चलिए जानते हैं ऐसे ही कुछ टिप्स के बारे में।
अपने ग्लूकोज के स्तर की अधिक बार जांच करना जरूरी है। इसे चलते-फिरते कंटीन्यूअस ग्लूकोज मॉनिटरिंग (सीजीएम) डिवाइस की मदद से सहजता के साथ जांच की जा सकती है।
अधिक फाइबर युक्त और स्टार्चयुक्त खाद्य पदार्थ शामिल करें जो धीरे-धीरे आपकी शरीर को दिनभर ऊर्जा देते रहेंगे। जैसे ओट्स और मल्टीग्रेन ब्रेड, ब्राउन राइस या बासमती चावल, सब्जियां, दाल समेत अन्य चीजें।
वैसे तो रोजे तो पारंपरिक रूप से खजूर और दूध से तोड़ा जाता है। लेकिन आप इसके साथ कुछ अन्य चीजें भी खा सकते हैं। ध्यान रखें कि मीठे और तले हुए या तैलीय खाद्य पदार्थों का सेवन कम मात्रा में करें
शारीरिक गतिविधि जारी रखना बेहद जरूरी है। लेकिन अतिरिक्त परिश्रम से बचने के लिए शरीर पर बहुत अधिक प्रेशर ना बनाएं। आप कोई आरामदायक कसरत, योग या फिर वॉक करने भी जा सकते हैं।
6 से 8 घंटे की पर्याप्त और अच्छी गुणवत्ता की नींद आपके अच्छे स्वास्थ्य और तंदुरूस्ती की कुंजी है। विशेष रूप से रमजान के दौरान जब आपका सुबह का भोजन आपकी ऊर्जा को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण होता है।
लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।