भारतीय क्रिकेट टीम में खेलने का सपना हर खिलाड़ी का होता है और जिनमें से कुछ घरेलू क्रिकेट और आईपीएल में शानदार प्रदर्शन के दम पर टीम में सलेक्ट भी हो जाते हैं।
भारत में ऐसे भी खिलाड़ी हुए, जिनमें टैलेंट कूट कूट कर भरा था बावजूद उसके उन्हें टीम इंडिया से कभी खेलने का मौका ही नहीं मिला।
भारतीय स्टाइलिश बल्लेबाज सितांशु कोटक ने अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत साल 1990 में घरेलू क्रिकेट से की। इस दौरन उन्होंने ताबड़तोड़ बल्लेबाजी की।
भारतीय खिलाड़ी सितांशु ने 130 फर्स्ट क्लास क्रिकेट मैच खेले हैं। इस मैच में उन्होंने 41.76 की औसत से 8000 से अधिक रन बनाते हुए 15 शतक एवं 55 अर्धशतक जड़े।
भारतीय खिलाड़ी मिथुन मनहास ने दिल्ली की तरफ से 10 साल तक रणजी ट्रॉफी खेली। इस मैच में मिथुन ने 8554 रन बनाए, जो कि भारतीय इतिहास में चौथे सबसे ज्यादा रन के क्लब में शामिल हुए थे।
गेंदबाज पद्माकर शैवालकर ने मुंबई की ओर से रणजी ट्रॉफी के 27 सीजन खेल। इस दौरान उन्होंने 119 मैचों में 19 की औसत से 589 विकेट चटकाए।
अमोल मजूमदार सचिन और कांबली के समय के बल्लेबाज रह चुके हैं। मजूमदार ने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 170 मैच खेले हैं, जिसमें इन्होने 30 शतकों के साथ 11671 रन बनाये।
रजिंदर गोयल ने फर्स्ट क्लास क्रिकेट के 157 मैचों में 18.56 की औसत से 750 विकेट चटकाए थे।
ईश्वर पांडे भी इन्हीं अनलकी क्रिकेटर्स में से एक रहे, वह साल 2014 और 2015 में आईपीएल में चेन्नई सुपर किंग्स की ओर से खेलते हुए नजर आए थे।