वास्तु शास्त्र में कई समस्याओं के आसान समाधान बताए गए हैं। जिनका पालन करने से व्यक्ति को बहुत लाभ मिलता है। इसमें न केवल घर अथवा भाग्य से जुड़े उपाय वर्णित हैं, बच्चों की पढ़ाई के लिए भी सरल उपाय।
माता-पिता अपने बच्चों की पढ़ाई के लिए चिंतित रहते हैं और ऐसा देखा गया है कि बच्चों को कड़ी मेहनत के बावजूद भी अच्छे परिणाम प्राप्त नहीं होता है। वास्तु के उपायों को अपनाने से व्यक्ति को लाभ मिलता है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार बच्चों की पढ़ाई और उत्तम नतीजों के लिए पढ़ने के स्थान पर दिशा का ध्यान अवश्य रखें। पढ़ाई के लिए पूर्व और उत्तर दिशा को सबसे उत्तम माना जाता है।
पढ़ाई में रूचि पुनः जागृत करने के ली पढ़ाई के टेबल पर स्फटिक, माता सरस्वती की तस्वीर जरूर रखें। साथ ही इस बात का भो ध्यान रखें कि पढ़ने वाली जगह पर अधिक किताबें न रखीं हों।
पढ़ाई के कमरे को सजाते हुए दीवारों के रंग का भी ध्यान रखें। ऐसा करने से बच्चों में रचनात्मकता में वृद्धि होती है और पढ़ाई में ध्यान एकाग्र होता है। इसलिए कमरे का रंग चमकीले रंग रखें, काला नहीं।
पढ़ाई के कमरे में इस बात का ध्यान रखें कि दीवारों पर डरावनी या हिंसात्मक तस्वीरें न लगाएं। इससे न केवल बच्चों की पढ़ाई में विघ्न उत्पन्न होता है, बल्कि घर में तनाव की स्थिति उत्पन्न होती है।
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