घर का मंदिर सबसे महत्वपूर्ण स्थान होता है, यहां पर भगवान और देवी-देवताओं की पूजा की जाती है।
वास्तु शास्त्र में जीवन में तरक्की के लिए कुछ नियम बताए गए हैं। वास्तु में मंदिर से जुड़े कुछ नियम भी बताए गए हैं, इन नियमों के बारे में बताएंगे।
मंदिर के लिए दिशा बहुत महत्वपूर्ण है, घर के मंदिर की दिशा ईशान कोण में होनी चाहिए, ऐसा माना जाता है कि इस दिशा में देवी-देवताओं का वास होता है।
शंख में माता लक्ष्मी का वास माना जाता है, इसलिए घर के मंदिर में शंख जरूर होना चाहिए। हालांकि एक से अधिक शंख नहीं रखने चाहिए।
घर के मंदिर में माचिस नहीं रखनी चाहिए, ऐसा करने से सुख-समृद्धि में बाधा आती है। मंदिर में माचिस रखने से पारिवारिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
घर के मंदिर में फटी-पुरानी पुस्तकें नहीं रखनी चाहिए, ऐसा करने से नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इसके साथ ही मुरझाए हुए फूल भी नहीं रखने चाहिए।
घर के मंदिर में कोई भी टूटी मूर्ति नहीं रखनी चाहिए, इससे नेगेटिविटी का संचार होता है। मंदिर की कोई मूर्ति खंडित हो गई है तो उसे जलराशि में प्रवाहित कर दें।
इसके साथ ही मंदिर में किसी भी देवी-देवता की बड़ी मूर्ति नहीं रखनी चाहिए और किसी भी भगवान की एक से अधिक मूर्ति नहीं रखनी चाहिए।
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