हिंदू धर्म में इसका विशेष महत्व है। धार्मिक महत्व के अलावा वैज्ञानिक महत्व भी हैं।
लेकिन इसके बांधने और इसे उतारने के भी नियम बताए गए हैं। इन्हीं की चर्चा करेंगे।
किसी भी पूजा के पूर्ण होने पर कलावा को बांधा जाता है। ऐसा माना जाता है कि इससे भगवान का आशीर्वाद मिलता है।
कलावे का लाल रंग सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। इसलिए यह मन और मस्तिष्क के लिए अच्छा होता है।
पुरुषों और अविवाहित महिलाओं को दाहिने हाथ में तथा शादीशुदा महिलाओं को बाएं हाथ में कलावा बांधना चाहिए।
इसे बांधते समय हाथ में सिक्का या पैसे ले लें और मुट्ठी बंद कर लें, दूसरे हाथ को सिर पर रखें। इसे 3,5 या 7 बार लपेटना चाहिए। जिसने कलावा बांधा है, उसे दक्षिणा दें।
कलावा को मंगलवार या शनिवार के दिन ही निकालना चाहिए। इसके बाद पूजा घर में बैठकर इसे बांधे।
हाथ से कलावा उतारने के बाद इसे पीपल के पेड़ के नीचे रखें या फिर किसी बहती जलधारा में प्रवाहित कर दें।
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