इस दौरान पितरों का श्राद्ध करना शुभ माना जाता है। आइए जानते हैं कि पितृ पक्ष में किस दिन श्राद्ध करना चाहिए?
पितृ पक्ष में पितरों की पूजा करने के करने से दोष मुक्त होने लगता है। इसके अलावा पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
पितृ पक्ष में श्राद्ध का विशेष महत्व होता है। इसके लिए सर्व पितृ अमावस्या का दिन सबसे अच्छा माना जाता है। इस बार यह तिथि 14 अक्टूबर को है।
दोपहर का समय पितरों का समय माना जाता है। इस समय श्राद्ध करना शुभ माना जाता है। पितृ पक्ष में दोपहर के समय ही ब्राह्मण भोज कराना चाहिए।
कभी भी सुबह और शाम के समय श्राद्ध नहीं करनी चाहिए। शास्त्रों में बताया गया है कि यह समय देवी-देवताओं का होता है।
पितृ पक्ष में पिंडदान करने का विशेष महत्व होता है। इससे पितर प्रसन्न होते हैं और परिवार के सदस्यों पर अपना आशीर्वाद बनाए रखते हैं।
पितृ पक्ष में जरूरतमंद लोगों को जूते-चप्पल, अनाज, धन और कपड़ों का दान करना चाहिए। इसके अलावा काले तिल का दान करने से पितर प्रसन्न होते हैं।
पितृ पक्ष के दौरान झाड़ू, नमक और सरसों के तेल को खरीदना वर्जित होता है। ऐसा करने से पितर नाराज होने लगते हैं।
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