विवाहित महिलाओं द्वारा मांग में सिंदूर लगाने की एक महत्वपूर्ण परंपरा है। शादी के समय दूल्हा अपनी दुल्हन की मांग में पहली बार सिंदूर भरता है।
इसके पीछे मान्यता है कि यह पति की लंबी उम्र और स्वस्थ जीवन का प्रतीक है। यह एक शादीशुदा महिला की पहचान भी माना जाता है।
यह परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है। हिंदू महिलाएं तब तक अपनी मांग में सिंदूर भरती हैं, जब तक उनका वैवाहिक जीवन स्थिर रहता है।
मांग में सिंदूर भरने वाली महिलाओं की रक्षा देवी पार्वती करती हैं और उनके पति को नकारात्मक शक्तियों से बचाती हैं।
लाल रंग सिंदूर का मुख्य रंग होता है, जो शुभता और सौभाग्य का प्रतीक भी माना जाता है।
इसके साथ ही सुखी वैवाहिक जीवन का प्रतीक माना जाता है। सिंदूर लगाने से महिला की सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है।
इसके चलते पति के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डालती है। यह महिला को मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ बनाए रखने में भी सहायक होता है।
इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। अध्यात्म से जुड़ी तमाम बड़ी खबरों के लिए पढ़ते रहें jagran.com