हमारे बीच कई लोग ऐसे हैं जिन्हें बंद कमरे में घुटन महसूस होती है, कमरे में ही नहीं बल्कि लिफ्ट में भी घबराहट होती है।
तंग और बंद जगहों जैसे लिफ्ट या एमआरआई मशीन आदि में जाने से डर लगता है, अगर आपके साथ भी ऐसा है तो आप क्लॉस्ट्रोफोबिया के शिकार हो सकते हैं।
क्लॉस्ट्रोफोबिया एक तरह का एंग्जाइटी डिसऑर्डर है, जो भय से संबंधित समस्या है। इससे पीड़ित लोगों को तंग जगहों जैसे- लिफ्ट या छोटे अंधेरे कमरे में जाते हुए घबराहट होती है।
क्लॉस्ट्रोफोबिया में कंपकपी, पसीना आना, धड़कन बढ़ना, बुखार, तेजी से सांस लेना, शरीर के किसी हिस्से का सुन्न हो जाना आदि।
क्लॉस्ट्रोफोबिक की समस्या अलग-अलग कारणों से उत्पन्न होती है, जैसे कम उम्र में पेरेंट्स से अलग हो जाना आदि। ऐसी स्थिति से गुजरने के बाद मन में एक डर होता है कि कहीं उन्हें दोबारा इससे न गुजरना पड़े।
क्लॉस्ट्रोफोबिया से पीड़ित लोग योग और मेडिटेशन को अपनी दिनचर्या में शामिल करना चाहिए।
इन सबके बावजूद अगर स्थिति में सुधार नहीं होता है तो किसी मनोवैज्ञानिक सलाहकार से संपर्क करने में संकोच न करें।