कंजक्टिवाइटिस एक खास तरह के एलर्जिक रिएक्शन की वजह से होता है, लेकिन कई मामलों में बैक्टीरिया का संक्रमण भी इसके लिए जिम्मेदार होता है। जिससे वायरल कंजक्टिवाइटिस हो जाता है।
सफाई की कमी, वातावरण में मौजूद नमी, धूल-मिट्टी, फंगस और मक्खियों की वजह से आंखों में संक्रमण हो सकता है।
आंखों में लाली और जलन, लगातार पानी निकलना, आंखों में सूजन, पलकों पर चिपचिपाहट, बहुत तेज खुजली होते रहना।
आई फ्लू से निजात पाने के लिए एंटिबाइटिकल मरहम और ल्यूब्रिकेटिंग आई ड्रॉप की जरूरत होती है। इसलिए डॉक्टर की सलाह के बिना अपने मन से कोई दवा न लें।
संक्रमित व्यक्ति से हाथ न मिलाएं और उनकी चीज़ें, जैसे- चश्मा, तौलिया, तकिया आदि न छुएं। इसी तरह अपना तौलिया, रूमाल और चश्मा आदि किसी के साथ शेयर न करें।
ऐसी समस्या होने पर बार-बार आंखों पर हाथ न लगाएं। आंखों में आई ड्रॉप डालने से पहले हाथों को अच्छी तरह धो लें।
अपने हाथों को नियमित रूप से हैंडवॉश से साफ करते रहें। आंखों की सफाई का पूरा ध्यान रखें और उन्हें ठंडे पानी से बार-बार धोएं।